पुस्तक समीक्षा - वह साँप सीढ़ी नहीं खेलता!
गणेश गनी का कविता संग्रह "वह साँप सीढ़ी नहीं खेलता" लोकोदय प्रकाशन से जनवरी 2019 में प्रकाशित हुआ। इस संग्रह में 59 कवितायेँ हैं और लगभग सभी छोटे आकार की ही...
शीत युद्ध - अंतर्मन का
किसी ओर से लड़ने से अच्छा
कि लड़ लूं
कुछ देर खुद से
बता दूं,
इन काग़ज़ों के मार्फत
तुम्हें भी
कि, अंतर्मन की लड़ाई ही है
सबसे बड़ा शीत युद्ध।
ऐसा युद्ध
जिसमें होते हैं
दो बराबर पक्ष,
होती हैं,
अतीत की गलतियां
होते हैं,
भविष्य के सपने
और...
1. खूबसूरत लम्हो में
लिखना चाहती थी ,
हर रोज़ इक कविता ....
मैं हर रोज़;
इक कविता तेरे लिए
इक कविता, तेरे लिए
ऐसा वो कल आता,...
मगर, दफन सी
हो गई
उम्मीद ।
अरमान, कुछ तेरे
कुछ मेरे
बीते कल की बातों में
छोड़ आए
जिनको उन खूबसूरत
लम्हों में
जहाँ मिले थे
हम...
सही गलत
किसी बात से व्यथित मन,
व्यथित मन ने लिया ठान,
क्या सही है क्या है गलत?
अब तो वह यह लेगा जान।
विचारों के विमान संग,
उड़ता फिर रहा था मन।
फिर दृश्य एक देखकर,
मन गया वही पर थम ।
ठीक उसी स्थान पर,
खत्म हो...
सर्द हवाओं के झोकों ने एक दम से करमू को झकझोर सा दिया। जाड़ों की धुप आदमी को कितना आलसी बना देती है, यही सोचते हुए करमू फिर से बचपन की यादों में खोने लगा।
दो भाइयों में छोटा था करमू,...
कविता - तृतीय विश्व युद्ध
विकास के पहिए
शहरों की ढेर सारी आबादी को
वापिस छोड़ आए हैं गांव
ये कहकर,
कि यही है सबसे सुरक्षित ठिकाना
अनिश्चितकाल के लिए गांव की प्रतिष्ठा में
लग गए हैं चार चांद!
जब, एक वायरस
लील रहा है कई जिंदगियों को
ऐसे...
यार विवेक मैं सोच रहा हूँ क्यों ना इस बार चुनाव में अपनी गाय को खड़ा कर दूं। मैं खुद तो कभी चुनाव जीत नहीं सकता ! गाय को खड़ा किया तो बाकी सारे उम्मीदवार अपना अपना वोट भी...
आलेख - दूषित राजनीति दूषित लोग
आज हम भारत की राजनीति की बात करें तो वह पूरी तरह दूषित हो चुकी है।इसके लिए हम किस को जिम्मेवार ठहरा है।कुछ समझ नहीं आता मगर वास्तव में हम विचार करें तो दूषित...
जब गुजरता हूं खुद किसी भयावह स्थिति से,
तो सोचता हूं अक्सर उसकी वजह मैं।
चाहता हूं मिटा दूं उस वजह को ही,
पर लौट आता हूं अक्सर उसी जगह मैं।
गुजरा हूं सिर्फ एक साधारण स्थिति से ही,
परिस्थितियां इससे भी भयावह होती...
गुरूकुल बहुमुखी शिक्षा संस्था द्वारा ग्लोबल विलेज स्कूल रोपा में आयोजित साहित्यिक कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ से आये जाने माने कवि और चित्रकार कुँवर रविंदर को गुरुकुल राज्य सम्मान 2018 से सम्मानित किया। श्री रवींद्र जी 18000 से अधिक चित्र बना चुके हैं...