Friday, April 26, 2024
??????? बस एक नजर देखने भर से तुम जैसे ह्रदय मे उतर आती हो, हज़ारों परियां सुन्दरता का शगुन लेकर जैसे आँखों मे ठहर जाती हो, तुम्हारी हलचल को ही तो सहेजता रहता हूँ हरपल तुमसे निकली , तुम ही तो, मेरी कविता हो......! मुझे देखकर तुम कुछ कहती भी नहीं लेकिन...
कविता – अपनी अपनी शाम १.                          बेनाम सी जिन्दगी जीने लगे है, हर शाम अब पीने लगे है। नाकामी का ठीकरा, रोज भरता है, रोज टूटता है। फिर दिल में दर्द फूटता है, दर्द...
गुरूकुल बहुमुखी शिक्षा संस्था द्वारा ग्लोबल विलेज स्कूल रोपा में आयोजित साहित्यिक कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ से आये जाने माने कवि और चित्रकार कुँवर रविंदर को गुरुकुल राज्य सम्मान 2018 से सम्मानित किया। श्री रवींद्र जी 18000 से अधिक चित्र बना चुके हैं...
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