किन्नौर डायरी – “अठारो उत्सव”, किन्नौरी संस्कृति का प्रतिबिम्ब
बात उन दिनों की है जब मैं किन्नौर में नया नया आया था। मेरा आवास विद्यालय के पास ही गांव में था, जो सांगला से 3 कि०मी० दूर था।...
किन्नौर डायरी – छितकुल, भारत का अंतिम गांव
कालेज की छुट्टियो में किन्नौर घुमने आये मेरे भांजे को किन्नौर के दर्शनीय स्थल दिखाने का जिम्मा मेरे उपर था।किन्नौर के दर्शनीय स्थलों की बात हो और छितकुल का...
किन्नौर डायरी – सांगला से सांगला कंडे की सैर
सांगला कंडे आने की इच्छा बहुत समय से थी, लेकिन आज पूरी हूई थी। आज का प्लान भी अचानक ही बना था, बातों बातों में ही महेश सर आज...
चूड़धार-शिरगुल महाराज की तपोस्थली
सिरमौर और शिमला जिला के बिल्कुल मध्य भाग में स्थित शिरगुल महाराज की तपोस्थली "चूड़धार" या "चूड़ चांदनी" बेहद खूबसूरत और रमणीय स्थल है। यह स्थल वर्तमान परिदृश्य में...
तुम ही मेरी कविता हो।
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बस एक नजर
देखने भर से तुम
जैसे ह्रदय मे उतर आती हो,
हज़ारों परियां
सुन्दरता का शगुन लेकर
जैसे आँखों मे ठहर जाती हो,
तुम्हारी हलचल को ही
तो सहेजता रहता हूँ हरपल
तुमसे निकली ,
तुम...
अपनी अपनी शाम
कविता – अपनी अपनी शाम
१. बेनाम सी जिन्दगी जीने लगे है,
हर शाम अब पीने लगे है।
नाकामी का...