कविता-आस्तिक या नास्तिक?

कविता-आस्तिक या नास्तिक? उसने पूछा कि तुम आस्तिक हो या नास्तिक? मैं कुछ ठिठका,क्योंकि इस बारे में सोचा न था अभी तक। सोच के मैं बोला, इस बारे में मेरा जवाब नहीं...

किन्नौर डायरी – बहुपति प्रथा

भारत विविधताओं का देश है। यहां पर अनेकों परम्पराएं, रिती रिवाज तथा प्रथाएं देखने को मिल जाएंगी। एक ऐसी ही प्रथा है बहुपति प्रथा। बहुपति शब्द सुनते ही जो...

किन्नौर डायरी – गंगा सा पवित्र – गंगारंग

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प्राकॄतिक खूबसूरती से सरोबार, मनमोहक तथा दिलकश नजारों को आंचल में समेटे हुए हिमालय की ऊंची ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं से निकलता गंगा सा पवित्र जल, शायद इसलिए ही इसे...

कहानी – नन्नू की मैं मैं

सर्द हवाओं के झोकों ने एक दम से करमू को झकझोर सा दिया। जाड़ों की धुप आदमी को कितना आलसी बना देती है, यही सोचते हुए करमू फिर से बचपन...

किन्नौर डायरी – कामरू किला, एक ऐतिहासिक धरोहर

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एक तरफ बर्फ से ढके पत्थर के ऊंचे ऊंचे पर्वत तथा दूसरी तरफ देवदार के जंगलों से भरे सफेद पर्वत और बीच से नागिन सी बलखाती बास्पा नदी, नजारा...

किन्नौर डायरी – एक कश्मीर यहाँ भी – आजाद कश्मीर !!

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हर हफ्ते आ जाता है ये रविवार सोचने को मजबूर करता है कि क्या किया जाए इस बार! इस रविवार को सांगला घाटी में बास्पा नदी के किनारे बसे एक...