दो कवितायेँ – दर्द और है ज़िन्दगी
1. दर्द
दर्द को समझने के लिए
पहले मैंने बाजू में चीरा लगाया,
फिर भी मुझे,
वह दर्द महसूस नहीं हुआ।
फिर मैंने ज़ख्म में
नमक मिला लिया,
पर फिर भी मुझे,
उतना दर्द नहीं हुआ।
मैं समझ...
राजीव डोगरा की दो कवितायेँ
1. बाल कविता
आओ हम स्कूल चले
नव भारत का निर्माण करें।
छूट गया है जो
बंधन भव का
आओ मिलकर उसको
पार करें,
आओ हम स्कूल चले .....
जाकर स्कूल हम
गुरुओं का मान करें
बड़े बूढ़ों का...
खुशबू (छात्रा) की कविता – हिंदी
कविता - हिंदी
हिंदी
भाषा की शान है,
हिंदी को देते
हम सम्मान हैं।
हिंदी हमें
सब कुछ सिखाती है।
व्याकरण का ज्ञान
करवाती है।
हिंदी भारतीयों की भाषा है
इसमें हमें न
कोई निराशा है।
हिंदी सबको
बोलनी आती है,
सबके दिलों को...
राजीव डोगरा की कविता हिंदी हिंद की शान है
हिंदी हिंद की शान है,
बिंदी जिसकी पहचान है।
हिंदी जननी है मातृभाषा
अभिमान है,
जिस पर हमे आता।
फूल पत्तों जैसी
ये खिलती।
हर भाषा में जा,
ये गुल मिलती।
स्वर व्यंजन
जिसकी पहचान है।
संयुक्त वर्ण
जिसकी शान हैं।
अर्ध...
अलविदा मानसून
अलविदा मानसून
तुम इस बार कुछ उखड़े उखड़े से रहे! महज़ एक दो बार ही जम कर बरस सके, बाकी सिर्फ आसमान से ही ताकते रहे और हँसते रहे इंसानों...
कविता – बहते हुए तूफ़ान
कविता - बहते हुए तूफ़ान
बहते हुए तूफान में
मैं भी बहता रहा,
कभी तूफान बन कर
कभी दरिया की नाव बनकर।
लोग सोचते रहे,
मैं डूब गया।
किसी गुमनाम तैराक की तरह।
पर स्थिर रहा मैं,
किसी...