दीपक भारद्वाज की रचनाएँ

1. नया काम नया नाम खुद को खुदी से ही अलग कर रहा हूं जीने के लिए एक नया काम कर रहा हूं। मौकापरस्त ही मिले लोग इस शहर में तभी रास्ता श्मशान...

अनुराधा की दो कवितायेँ

वक्त बदले ज़िन्दगी  वक्त बदला एहसास बदले कल बदला और आज बदले । कुछ लम्हे बदले कुछ स्वयं से हैं सवाल बदले। वक्त है ,फिर बदलेगा इसके बदलते ही , हर बवाल बदले । तुम नहीं बदले आज...

कविता – बात कहीं और ले गया

कविता – बात कहीं और ले गया बदली थी सरकार हमने क्या जोश था आख़िर बदलाव आया था, मन में एक भाव आया था की अब देश बदलेगा ! नहीं मरेगा किसान, नहीं होगा सीमा पर ...

यादें (कविता)

जब भी तन्हा होता हूं मैं आजकल,अक्सर याद आ जाता है बीता हुआ कल। वो हसीन यादें वो यादगार लम्हे, वो साथ में गुजरा हर एक पल। हवा का हर एक झोंका...

कुछ तो करना होगा(कविता)

“कुछ तो करना होगा” हो रहा है आज जो दूसरों के साथ, कल तेरे साथ भी हो सकता है, तू  जो बना है आज तमाशबीन कल तमाशा तेरे साथ भी हो...

सोच,साथ क्या जाएगा? (कविता)

एक बस सफर के दौरान बस में लिखे वाक्य “सोचो,साथ    क्या जाएगा”को पढ़ कर इस कविता का विचार मन में आया था। सोच,साथ क्या जाएगा? “अनमोल बड़ी है ये जिंदगी,खुशी...