आपके क्या कारण हैं?

2
938
भोग विलासी, अत्याचारी,
चाहे राजा हो दुर्व्यव्हारी।
यशोगीत वो गाते थे,
दिन को कह दे रात अगर वो ,
तो रात ही बताते थे।
ये तो उनका काम था,
 इसी से चुल्हा जलता था।
क्यों ना करते जी हज़ूरी,
 परिवार इसी से पलता था।
 उनके तो कई कारण थे, क्यों कि वो तो चारण थे।
क्यों बांधी है आँखों पे पट्टी, लगा क्यों है अक्ल पे ताला,
आपके क्या कारण हैं?
क्या आप भी चारण हैं?

                                               -super RK

2 COMMENTS

  1. अभिनंदन,
    राजेंद्र जी, बहुत कम शब्दों में बहुत गहरी बात कहने की आपकी कला अद्भुत है | आपके तीखे कटाक्ष बहुत गहरे उतर जाते हैं और विवश कर देते हैं कि हम बैठकर सोचे कि ऐसा क्यों है| अध्यापन क्षेत्र के साथ इस क्षेत्र में आप निपुणता के साथ सफलता प्राप्त करें|

    शुभकामनाएं|

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here