प्राकृतिक सौंदर्य से सराबोर, पहाड़ों की रानी है मनाली

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मनाली विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है, यहाँ लाखों की तादात में सैलानी हर साल आते है। मनाली कुल्लू घाटी के उत्तरी छोर में बसा एक छोटा सा शहर है। मनाली चारों तरफ़ से ऊँचे ऊँचे पहाड़ों से घिरा हुआ है, देवदार के घने जंगलों से भरे पहाड़ों से मनाली की खूबसूरती को चार चाँद लग जाते हैं। मनाली समुद्र तल से तक़रीबन 2000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, कलरव करती ब्यास नदी मनाली के मध्य से गुजरती है, साफ़ बर्फीले पानी वाली ब्यास नदी पर्यटकों को अनायास ही अपनी तरफ़ आकर्षित करती है।  सेब, पल्म और अन्य पहाड़ी फलों के बगीचे भी मनाली में बहुतया देखने को मिल जाते हैं। मनाली की साफ सुथरी आबोहवा और हरी भरी वादियाँ हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।

मनाली साहसिक खेलों के लिए बहुत प्रसिद्ध है, यहाँ, रस्सी द्वार नदी पार करना, पत्थरों पर चढ़ना, रिवर राफ्टिंग, बर्फ में स्कीईग करना, बाइकिंग और साइकिलिंग करना और बर्फ के अन्य खेल खेले जा सकते हैं। मनाली से बहुत से ट्रैकिंग रूट भी शुरू होते है, ट्रैकिंग करने वालों के लिए मनाली एक पसंदीदा स्थान है।

मनाली में काफी छोटे बड़े होटल, रेस्टोरेंट और ढाबे हैं, यहाँ आपको दुनिया भर के हर तरह के व्यजन चखने को मिल जायेगें। मनाली में बहुत सारे देखने योग्य स्थान है जिनमे से प्रमुख हैं –

1. हडिम्बा मंदिर – यह मंदिर मनाली बस स्टैंड से 2 किलोमीटर की दुरी पर है, पहाड़ी शैली में निर्मित यह मंदिर देवदार के घने जंगल में स्थित है, मंदिर के आस पास वन विहार करने की व्यवस्था है। यहाँ स्थानीय लोगों द्वारा लाये गए सफ़ेद खरगोश, याक और स्थानीय वेशभूषा में सैलानी फोटो लेते हैं।


2. पुरानी मनाली – मनाली शहर के साथ ही ओल्ड मनाली एक छोटा सा गांव है, इस गांव में पुराने मंदिर है,मनाली से कुछ सैलानी पैदल ही ओल्ड मनाली हडिम्बा मंदिर घूमने आते हैं, पैदल चलते हुए मनाली की खूबसूरती को ज्यादा अच्छी तरह निहारा जा सकता है।
3. माल रोड और वन विहार – माल रोड मनाली की शान बन चूका है, यह बस स्टैंड के साथ ही है, यहाँ मनाली की प्रमुख मार्किट मॉल रोड के साथ साथ है, यहाँ खाने -पीने की काफी दुकाने भी हैं, मनाली में खरीददारी करने के लिए भी यह एक अच्छा स्थान है। मनाली में वन विहार में भी सैलानी विचरण करते है और कुदरत का आनंद लेते हैं।


4. वशिष्ठ और जोगिनी झरना – मनाली से 5 किलोमीटर की दुरी पर वशिष्ठ बहुत ही सुन्दर स्थान है, यहाँ गर्म पानी के चश्मे है, यहाँ बहुत सारे मंदिर भी हैं, गर्म पानी के चश्मे वाले छोटे से तलाब में लोग नहाते हैं , माना जाता है की इस गर्म पानी से अनेक चर्म रोग ठीक हो जाते हैं, महिलाओं के लिए नहाने की अलग से व्यवस्था भी है। वशिष्ठ से 3 किलो मीटर के करीब पैदल रास्ते से जोगनी वाटर फॉल (प्राकृतिक झरना) हैं, गांव से होकर गुजरने वाले रास्ते से झरने तक का सफर काफी रोमांचक है, झरने का पानी काफी ठंडा होता  है।
5. सोलंग घाटी और रोहतांग पास – सोलंग घाटी बहुत ही सुन्दर स्थान है, यह अनेक तरह के साहसिक खेलों के लिए जाना जाता है, यहाँ से पैराग्लाइडिंग भी की जाती है, सर्दियों में बर्फ में स्कीइंग और बहुत सारे अन्य साहसिक खेल होते हैं।

मनाली में ज्यादातर सैलानी गर्मियों में आते हैं, यहाँ का मौसम गर्मियों में काफी सुहावना होता है, मैदानों में पड़ने वाली भारी गर्मी से बचने के लिए बहुत से लोग मनाली घूमने आते हैं। यहाँ देशी और विदेशी दोनों तरह के पर्यटक आते हैं, मनाली और कुल्लू घाटी के अन्य प्रसिद्ध स्थान गर्मियों में पर्यटकों से गुलजार रहते हैं। मनाली में ठहरने के लिए काफी होटल और गेस्ट हाउस हैं।

मनाली चंडीगढ़ से 310 किलो मीटर की दुरी पर है, जबकि दिल्ली से 560 किलो मीटर की दुरी पर है, मनाली पहुंचने के लिए ज्यादातर सड़क मार्ग का ही प्रयोग होता है, मनाली के लिए अभी तक कोई रेल लाइन नहीं है और हवाई सेवा भी केवल दिल्ली से भुंतर तक ही है, और जो काफी महंगी भी है, दिल्ली से भुंतर के बीच छोटे विमान ही सेवा देते हैं। भुंतर से मनाली 50 किलोमीटर है। हिमाचल की राजधानी शिमला से मनाली की दुरी तक़रीबन 260 किलो मीटर है।

सर्दियों में मनाली में खूब बर्फ़बारी होती है, बर्फ़बारी का आनंद लेने के लिए भी सैलानी सर्दियों में मनाली का रुख करते हैं।

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